لَبَّيْكَ ٱللَّٰهُمَّ لَبَّيْكَ، لَبَّيْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ لَبَّيْكَ، إِنَّ ٱلْحَمْدَ وَٱلنِّعْمَةَ لَكَ وَٱلْمُلْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ
میں حاضر ہوں اے الله، میں حاضر ہوں تیرا کوئی شریک نہیں، میں حاضر ہوں، بیشک، سب خوبیاں تیرے ہی لئے ہیں،اور تمام نعمتیں تیری ہی طرف سے ہیں، اور ملک تیراہی ہے، اور تیرا کوئی شریک نہیں۔
I am present, O Allah, I am present, there is no partner unto You. I am present. Definitely praise and glory is yours (for You). The Kingdom is also Yours. There is no partner for You
Before leaving home, perform the following tasks carefully and keep them in mind
1- Sincerely repent for past sins and make a firm intention not to commit them again in the future.
2- Fulfill the obligatory and necessary acts, such as prayers, fasting, Zakat, Sadaqah al-Fitr, Qurbani, vows, and other obligations that have not been fulfilled. If it is not possible to fulfill all of them at that time, make a strong intention to fulfill them.
3- Before going on Hajj, settle any rights owed to others, seek forgiveness if you have said or done anything wrong to anyone.
4- Repay any loans or return entrusted items. If you cannot repay a loan, seek permission and a delay from the lender for going on Hajj.
5- Make arrangements for the expenses of your family until you return.
6- Have sincere intentions during this blessed journey of Hajj, with the aim of seeking Allah's pleasure, happiness, and obeying His command. Avoid any form of show-off and insincerity.
7- Memorize the Talbiyah well; the words of Talbiyah are: “لَبَّيْكَ ٱللَّٰهُمَّ لَبَّيْكَ، لَبَّيْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ لَبَّيْكَ، إِنَّ ٱلْحَمْدَ وَٱلنِّعْمَةَ لَكَ وَٱلْمُلْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ " (Labbaik Allahumma Labbaik, Labbaika La Sharika Laka Labbaik, Inna al-hamda wa an-ni'mata laka wa al-mulk, la sharika laka)
8- Learn the proper method and rules of Hajj thoroughly.
मैं हाज़िर हूँ, ऐ अल्लाह मैं हाज़िर हूँ, तेरा कोई शरीक नहीं, मैं हाज़िर हूँ, बेशक सब खूबियां तेरे ही लिए हैं, और तमाम ने’अमते तेरी ही तरफ से हैं, और मुल्क तेरा ही है, और तेरा कोई शरीक नहीं
घर से रवाना होने से पहले ये काम करें जो कि नीचे लिख दिए गये हैं ध्यान से पढ़े और याद कर लें,
1- साबिका गुनाहों से सच्चे दिल से तौबा करें, और आइंदा न करने का इरादा करें
2- फ़राइज़ व वाजिबात यानी नमाज़, रोज़ा, ज़कात, सदक़ा-ए-फ़ित्र, क़ुर्बानी,नज़र व मन्नत, वगेरा जो अदा न किये हों तो उनकी कज़ा करें अगर सबकी क़ज़ा उस वक़्त में मुमकिन न हो तो उनकी क़ज़ा का पुख्ता इरादा करें,
3- हज पर जाने से पहले किसी का कोई हक़ देना हो तो वो अदा करें, किसी को बुरा भला कहा हो लड़ाई-झगड़ा हुआ तो उससे माफ़ करा लें
4- किसी का क़र्ज़ या अमानत हो तो उसे अदा करें, अगर क़र्ज़ अदा न कर सकें तो क़र्ज़ देने वाले से हज पर जाने की इजाज़त और मोहलत लेलें
5- अपने घरवालों के लिए वापस आने तक के खर्चों का मुनासिब इंतज़ाम करें
6- हज के इस मुबारक सफर में इख्लास की नियत करें कि (या अल्लाह में तेरी रज़ा और ख़ुशनूदी और ता’अमील-ए-हुक्म के लिए ये सफर कर रहा हूँ) रियाकारी और दिखावे से बिल्कुल बचें
7- तलबिया खूब याद करें, हज में तलबिया बुनियाद की हैसियत रखता है इसलिए इसे अच्छी तरह याद करलें, तलबिया के क़लीमात ये हैं “لَبَّيْكَ ٱللَّٰهُمَّ لَبَّيْكَ، لَبَّيْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ لَبَّيْكَ، إِنَّ ٱلْحَمْدَ وَٱلنِّعْمَةَ لَكَ وَٱلْمُلْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ ” (लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक, लब्बैका ला शरीका लका लब्बैक, इन्नल हम्दा वन्नि’अमता लका वल मुल्क ला शरीका लका)
8- हज का तरीका और अहकाम अच्छी तरह याद करलें
Mustahabbat
أدِّ هذه المهام قبل مغادرة المنزل.
گھر سے نکلنے سے کچھ وقت پہلے یہ کام کریں۔
Perform these tasks before leaving the house.
1- Trim nails
2- Clean unnecessary hair
3- Trim mustache
4- verb shave
5- Perform full-body ablution (ghusl) if possible, otherwise perform ablution (wudu) only
6- When leaving home, if not during disliked times, offer 2 units of voluntary (nafl) prayer and sincerely repent
7- Seek ease in the journey, supplicate for the pleasure of Allah, and entrust the family and circumstances to the Almighty.
घर से निकलने से कुछ वक़्त पहले ये काम करें
1- नाखून तराशें
2- गैर ज़रूरी बाल साफ़ करें
3- मूछें काटें
4- खत बनवायें
5- और ग़ुस्ल करलें तो बेहतर है, वरना सिर्फ वुज़ू करें
6- जब घर से निकलने लगें और मकरूह वक़्त न हो तो 2 रकत नमाज़ नफ़्ल पढ़ें और सच्ची तौबा करें
7- सफर की आसानी और रज़ा-ए-इलाही की दुआ करें और घर के अफ़राद और हालात को खुदा-ए-त’आला के सुपुर्द करें
Mustahabbaat
-بعد الوصول إلى المطار، ما الذي يجب فعله
ہوائی اڈے (ایرپورٹ) پر پہنچنے کے بعد کیا کریں-
What to do after arriving at the airport.
Before passing through the Miqat, wear the Ihram, for those traveling by air, an announcement is made in the plane that the Miqat is approaching, and Ihram should be worn. However, it is a precaution to wear Ihram at the airport itself, so that it does not happen that upon reaching near the Miqat, a person falls asleep, and if the eyes do not open, he has to pass the Miqat without Ihram. In this case, expiation (Kaffarah) will be necessary. Before wearing Ihram, it is essential for you to know which type of Ihram you need to wear because there are three types of Hajj, the details of which you can read in the next chapter.
हवाईअड्डे (एयरपोर्ट) पर पहुचनें के बाद किया करें
मीक़ात के गुजरने से पहले-पहले ऐहराम बाँध लें, हवाई जहाज़ के ज़रिये सफर करने वालों के लिए मीक़ात आने से पहले जहाज़ में ऐलान होता है कि मीक़ात आ रहा है ऐहराम बाँध लें, लेकिन एहतियात इसी में है कि हवाईअड्डे (एयरपोर्ट) पर ही ऐहराम बांध लिया जाये, ताकि ऐसा न हो कि मीक़ात के करीब पहुँच कर इंसान सो जाये और आँख न खुले तो बगैर ऐहराम के मीक़ात से गुज़ारना पड़े, इस सूरत में दम (कफ़्फ़ारा) लाज़िम आयेगा, ऐहराम बांधने से पहले आपको ये मालूम होना ज़रूरी है कि आपको किस किस्म का ऐहराम बांधना है क्योंकी हज की तीन किस्में हैं जिसकी तफ्सील अगले बाब (chepter) में पढ़ें
Bukhari-1524,1526- Muslim-2805,2806
© 2022 islam1400.com All rights reserved